Advertisement

प्रॉपर्टी कब्जा विवाद में ऐसे मिलेगी कानूनी मदद, जानें नया कानूनी तरीका – Property Possession Rules

By Meera Sharma

Published On:

Property Possession Rules

Property Possession Rules: भारत में अपना एक घर या जमीन पाना हर किसी का सपना होता है। लोग जीवन भर मेहनत करके अपनी संपत्ति जमा करते हैं। लेकिन कई बार हमारी इसी कीमती संपत्ति पर कोई अवैध कब्जा कर लेता है। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और इससे कैसे बचा जा सकता है, आइए जानते हैं।

कब्जा और अतिक्रमण में क्या अंतर है?

कब्जा और अतिक्रमण दोनों अलग-अलग होते हैं। जब आपने किसी प्रॉपर्टी को कानूनी तरीके से खरीदा है और उसके सभी दस्तावेज आपके पास हैं, तो वह वैध कब्जा कहलाता है। दूसरी ओर, जब कोई बिना अनुमति के या जबरदस्ती आपकी संपत्ति पर कब्जा करता है, निर्माण करता है या रहने लगता है, तो वह अवैध कब्जा या अतिक्रमण कहलाता है।

अवैध कब्जा एक गंभीर अपराध है

भारतीय कानून अवैध कब्जे को एक गंभीर अपराध मानता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 441 के अनुसार, बिना अनुमति किसी की संपत्ति में प्रवेश करना अवैध है। इसी तरह, धारा 447 के तहत अपराधी को 3 महीने तक की जेल, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। इसलिए अगर कोई जान-बूझकर आपकी संपत्ति पर कब्जा करता है, तो उसे कानून के अनुसार सजा मिल सकती है।

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission 1 करोड़ कर्मचारियों को झटका, अभी करना होगा इतना इंतजार 8th Pay Commission

अवैध कब्जे की स्थिति में क्या करें?

अगर आपकी संपत्ति पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है, तो आप कुछ कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, अपने इलाके के तहसीलदार या राजस्व अधिकारी से संपर्क करें और उन्हें पूरी स्थिति बताएं। अगर मामला गंभीर है, तो स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराएं। इससे आप कानूनी तौर पर सुरक्षित रहेंगे।

अगर स्थानीय प्रशासन और पुलिस से मदद नहीं मिलती, तो आप सिविल कोर्ट में केस दायर कर सकते हैं। कोर्ट न्यायिक आदेश के जरिए अवैध कब्जा हटवाने का आदेश दे सकता है और आपको आपकी संपत्ति वापस दिला सकता है।

मुआवजे का प्रावधान

अगर अवैध कब्जे के दौरान आपकी संपत्ति को नुकसान हुआ है, तो कोर्ट आपको मुआवजा भी दिला सकता है। सिविल प्रोसीजर कोड (CPC) के ऑर्डर 39 के नियम 1, 2 और 3 के तहत कोर्ट यह तय करता है कि कितना नुकसान हुआ है और उसके अनुसार मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा आमतौर पर प्रॉपर्टी की बाजार मूल्य के आधार पर तय किया जाता है।

यह भी पढ़े:
Personal Loan Rule नहीं भर पा रहे हैं पर्सनल लोन तो कर लें ये काम, मिल जाएगी राहत Personal Loan Rule

क्या विवाद को बिना कोर्ट के भी सुलझाया जा सकता है?

हां, अगर दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गुंजाइश है, तो विवाद को आपसी सहमति से भी सुलझाया जा सकता है। इससे आप कोर्ट के चक्कर से बच सकते हैं, जिससे समय, पैसा और मानसिक शांति बची रहेगी। आप आपसी सहमति से प्रॉपर्टी का बंटवारा कर सकते हैं, मध्यस्थता के जरिए समझौता कर सकते हैं, या फिर प्रॉपर्टी को किराए पर दे सकते हैं या बेच सकते हैं।

अवैध कब्जे से बचाव के लिए क्या करें?

अवैध कब्जे से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सबसे पहले, अपनी प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेज अपडेट रखें और उनकी रजिस्ट्री समय पर करवाएं। अपनी प्रॉपर्टी पर नेम प्लेट या बोर्ड लगवाएं, ताकि सभी को पता चले कि यह किसकी संपत्ति है।

अगर आप अपनी प्रॉपर्टी से दूर रहते हैं, तो उसकी नियमित निगरानी करवाते रहें। इसके साथ ही, प्रॉपर्टी टैक्स समय पर भरते रहें, क्योंकि यह आपके मालिकाना हक की पुष्टि करता है।

यह भी पढ़े:
Income Tax घर में कैश रखने की क्या है लिमिट, जान लें नियम वरना पड़ जाएगा इनकम टैक्स का छापा Income Tax

अपनी संपत्ति की सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है। सही जानकारी, मजबूत दस्तावेज और कानूनी प्रक्रिया का पालन करके आप अपनी जमीन या मकान को अवैध कब्जे से बचा सकते हैं। अगर फिर भी कोई अवैध कब्जा करता है, तो घबराएं नहीं, अपने अधिकारों को जानें और तुरंत कार्रवाई करें। याद रखें, कानून हमेशा सही मालिक के साथ होता है।

संपत्ति से जुड़े मामलों में हमेशा सतर्क रहें और किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत कानूनी सलाह लें। अपनी मेहनत और पसीने की कमाई से बनाई गई संपत्ति को सुरक्षित रखना आपका अधिकार और जिम्मेदारी दोनों है।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी कानूनी मामले में विशेषज्ञ वकील या कानूनी सलाहकार से परामर्श करना उचित रहेगा। लेख में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होगा।

यह भी पढ़े:
DA Hike July 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, महंगाई भत्ते में इतनी होगी बढ़ोतरी DA Hike July

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group