Beer Price Down: गर्मी के मौसम में ठंडी बीयर का मजा कुछ और ही होता है। अब इस गर्मी में बीयर प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी है। भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बाद ब्रिटिश बीयर और स्कॉच व्हिस्की पर लगने वाले भारी कर में काफी कटौती की गई है। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि जो बीयर पहले 200 रुपये में मिलती थी, वह अब मात्र 50 रुपये में उपलब्ध हो सकती है।
बीयर बाजार में मची हलचल
यह बदलाव ऐसे समय आया है जब पूरे देश में गर्मी अपने चरम पर है और बीयर की खपत अपने मौसमी शिखर पर पहुंच चुकी है। बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में कर में कटौती से बीयर की बिक्री और बढ़ने की संभावना है। जो ब्रिटिश बीयर ब्रांड्स अब तक आम लोगों की पहुंच से बाहर थे, वे अब हर पार्टी और मिलन समारोह का हिस्सा बन सकते हैं। इस कदम से न सिर्फ बीयर प्रेमियों को फायदा होगा, बल्कि बीयर बाजार में भी नई जान आने की उम्मीद है।
भारत में तेजी से बढ़ रहा बीयर बाजार
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, भारत का बीयर बाजार 2024 में लगभग 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह वृद्धि कई कारणों से हो रही है, जिनमें बदलती जीवन शैली, बढ़ता शहरीकरण और बदलते सामाजिक रुझान प्रमुख हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि FTA से कर में हुई कटौती के बाद बीयर की खपत और अधिक बढ़ेगी। नए उपभोक्ता जोड़े जाएंगे और बाजार का विस्तार होगा, जिससे न सिर्फ विदेशी कंपनियों को बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
भारत में बीयर की खपत कहां सबसे अधिक है?
भारत में बीयर की सबसे अधिक खपत दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में देखी जाती है। इन राज्यों में बीयर की खपत का एक बड़ा कारण वहां का जलवायु भी है, जहां अधिकतर समय गर्मी रहती है। इसके अलावा, गोवा अपने उदार शराब कानूनों और पर्यटकों की अधिक संख्या के कारण बीयर का एक प्रमुख बाजार बना हुआ है। उत्तर भारत में दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी बीयर की अच्छी मांग रहती है, विशेषकर गर्मियों के दौरान।
भारत में लोकप्रिय बीयर ब्रांड्स
भारतीय बाजार में कई बीयर ब्रांड्स उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। इनमें किंगफिशर, बडवाइजर, हेनेकेन, कार्लसबर्ग और बीरा 91 शामिल हैं। ये ब्रांड्स अपनी गुणवत्ता, स्वाद और सुलभता के लिए जाने जाते हैं। अब जब विदेशी बीयर सस्ती हो रही है, तो इन स्थापित ब्रांड्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इससे उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे और बाजार में गुणवत्ता में सुधार होगा।
आयात शुल्क में भारी कटौती से सस्ती हुई बीयर
FTA से पहले ब्रिटिश बीयर पर लगभग 150% तक का आयात शुल्क लगता था, जिसे अब घटाकर 75% कर दिया गया है। यही नहीं, स्कॉच व्हिस्की पर भी इसी प्रकार की कर कटौती लागू की गई है। इस कटौती का सीधा असर कीमतों पर पड़ेगा और उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली बीयर मिल सकेगी। हालांकि, ब्रिटिश वाइन को इस कर छूट से बाहर रखा गया है। यह निर्णय मुख्य रूप से बीयर और व्हिस्की के बाजार को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
FTA से सिर्फ शराब ही नहीं, अन्य उत्पाद भी होंगे सस्ते
भारत-ब्रिटेन FTA का प्रभाव सिर्फ शराब उद्योग तक ही सीमित नहीं है। इस समझौते के तहत कई अन्य उत्पादों पर भी कर में कटौती की गई है। इनमें ब्रिटिश कारें, कपड़े, चमड़े के उत्पाद और घरेलू उपयोग की अन्य वस्तुएं शामिल हैं। दूसरी ओर, भारत से ब्रिटेन भेजे जाने वाले वस्त्र, इंजीनियरिंग उत्पाद और कृषि उत्पादों पर भी कर में छूट दी गई है। इससे भारत का निर्यात बढ़ेगा और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे।
इस प्रकार, भारत-ब्रिटेन FTA से न केवल ब्रिटिश बीयर सस्ती हुई है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उपभोक्ताओं को विविध और सस्ते उत्पाद मिलेंगे, व्यापार बढ़ेगा और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा। तो इस गर्मी में अगर आप बीयर के शौकीन हैं, तो आपके लिए यह एक अच्छा समय है अपनी पसंदीदा ब्रिटिश बीयर का आनंद उठाने का।