Income Tax: आज के डिजिटल युग में भी नकद भुगतान की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। कोविड महामारी के बाद भले ही डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कई लोग अभी भी महीने भर का खर्च एक साथ एटीएम से निकालना पसंद करते हैं। वहीं कई महिलाएं अपनी बचत बैंक खातों में जमा करने की बजाय घर पर ही सुरक्षित रखती हैं। ऐसे में एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में आता है, वह यह है कि आखिर हम अपने घर में कितना कैश रख सकते हैं? क्या इस पर कोई कानूनी सीमा है? क्या ज्यादा कैश रखने पर इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आ सकता है? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
घर में कितना कैश रख सकते हैं?
कानूनी तौर पर देखा जाए तो आप अपने घर में कितनी भी नकद राशि रख सकते हैं, इस पर कोई पाबंदी नहीं है। भारत के आयकर कानूनों के अनुसार, किसी व्यक्ति के घर में रखी गई नकदी की मात्रा पर कोई सीमा निर्धारित नहीं है। यानी आप चाहें तो हजारों, लाखों या करोड़ों रुपये नकद अपने घर में रख सकते हैं। लेकिन ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पैसे का स्रोत वैध होना चाहिए और आपने इस पर नियमानुसार टैक्स का भुगतान किया होना चाहिए।
क्या ज्यादा कैश रखने पर नोटिस आता है?
कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या घर में एक निश्चित सीमा से ज्यादा कैश रखने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ जाता है? इस सवाल का जवाब है, नहीं। सिर्फ घर में अधिक मात्रा में नकदी रखने के कारण आयकर विभाग आपको नोटिस नहीं भेजता है। लेकिन अगर किसी कारण से आप आयकर विभाग की जांच के घेरे में आ जाते हैं, तो फिर आपको यह बताना होगा कि घर में मौजूद पैसों का स्रोत क्या है और क्या आपने इस पर उचित कर का भुगतान किया है।
जमा पैसे का वैलिड सोर्स डॉक्यूमेंट्स दिखाना अनिवार्य
आयकर नियमों के अनुसार, यदि आपके घर में जमा नकदी का वैध स्रोत है, तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। बस आपको यह साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज दिखाने होंगे कि पैसा सही तरीके से कमाया गया है। इन दस्तावेजों में आपका इनकम टैक्स रिटर्न, सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, प्रॉपर्टी बेचने के कागजात, या अन्य आय के प्रमाण शामिल हो सकते हैं। यदि आपके पास धन के स्रोत का उचित प्रमाण है, तो कोई समस्या नहीं होगी और आप बिना किसी डर के अपनी वैध कमाई को घर में रख सकते हैं।
सही जानकारी न देने पर बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अगर आप घर में रखे कैश का हिसाब नहीं दे पाते हैं, तो जांच एजेंसियां भारी जुर्माना लगा सकती हैं। नोटबंदी के बाद से आयकर नियमों के अनुसार, यदि आपके पास अघोषित नकदी मिलती है, तो बरामद राशि का 137 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा सकता है। इसमें मूल कर, अतिरिक्त कर, पेनल्टी और सरचार्ज शामिल हैं। इसके अलावा, आपके खिलाफ आयकर चोरी के लिए कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है, जिसमें जुर्माना और कुछ मामलों में जेल की सजा भी हो सकती है।
टैक्स चोरी करने पर जब्त हो सकता है जमा पैसा
सरकारी एजेंसियां जैसे आयकर विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ऐसे लोगों पर नजर रखती हैं जिनके पास काला धन जमा है। अगर किसी व्यक्ति के पास जमा कैश का लेखा-जोखा आईटीआर में सही तरह से किया गया हो और उस पर उचित कर का भुगतान किया गया हो, तो वह कैश जब्त नहीं किया जा सकता। लेकिन अगर कुछ गड़बड़ पाई जाती है या वह व्यक्ति टैक्स नहीं भरता या टैक्स चोरी कर रहा होता है, तो इनकम टैक्स रेड आयकर की धारा 132 के तहत ये एजेंसियां छापा मारकर उसके घर से भारी मात्रा में बरामद कैश जब्त कर सकती हैं।
आयकर विभाग रेड कब करता है?
आयकर विभाग आमतौर पर तभी रेड करता है जब उसे किसी व्यक्ति या संस्था के बारे में विश्वसनीय सूचना मिलती है कि वे टैक्स चोरी कर रहे हैं या उनके पास अघोषित आय है। रेड के दौरान, अधिकारी घर, ऑफिस, गोदाम आदि की तलाशी लेते हैं और वहां मौजूद नकदी, आभूषण, महंगी वस्तुएं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करते हैं। अगर उन्हें कुछ संदिग्ध मिलता है, तो वे उसे जब्त कर सकते हैं और आगे की जांच के लिए रख सकते हैं। इसलिए, यदि आप अपने घर में अधिक मात्रा में नकदी रखते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपके पास उसके स्रोत के वैध प्रमाण मौजूद हों।
कैश से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण नियम
वर्तमान बैंकिंग और खरीद नियमों के अनुसार, आपको 50,000 रुपये से अधिक नकद निकालने या जमा करने पर अपना पैन कार्ड दिखाना होगा। यह नियम काले धन के प्रवाह पर नजर रखने और टैक्स चोरी रोकने के लिए बनाया गया है। वहीं, 2 लाख रुपये से अधिक की नकदी खरीदारी के लिए, आपको पैन और आधार कार्ड दोनों की प्रतियां देनी होंगी। इसके अलावा, 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को भी जाती है, जिससे उन्हें आपकी आय और खर्च का पैटर्न समझने में मदद मिलती है।
नकद लेनदेन की सीमा क्या है?
भारत में 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक है। आयकर अधिनियम की धारा 269ST के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को एक दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक का नकद भुगतान या लेनदेन नहीं करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे प्राप्त राशि के बराबर जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह नियम काले धन पर अंकुश लगाने और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इसलिए, यदि आपको बड़ी राशि का लेनदेन करना है, तो बैंक ट्रांसफर, चेक, डेबिट या क्रेडिट कार्ड जैसे वैकल्पिक तरीकों का उपयोग करें।
सुरक्षा के लिए क्या करें?
यदि आप अपने घर में अधिक मात्रा में नकदी रखते हैं, तो सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है। चोरी, लूट या आग जैसी आपात स्थितियों में आपका पैसा खो सकता है, और क्योंकि यह बीमित नहीं है, इसलिए नुकसान की भरपाई मुश्किल हो सकती है। इसके बजाय, अपनी नकदी को बैंक में जमा करना अधिक सुरक्षित विकल्प है, जहां यह बीमित है और इस पर ब्याज भी मिलता है। आप बैंक में लॉकर भी ले सकते हैं, जहां आप अपनी नकदी, आभूषण और महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रख सकते हैं।
बैंक खाता खोलने के फायदे
वर्तमान समय में, बैंक खाता खोलना बहुत आसान हो गया है और इसके कई फायदे हैं। बैंक खाते में पैसा जमा करने से न केवल आपका पैसा सुरक्षित रहता है, बल्कि इस पर ब्याज भी मिलता है, जो आपकी आय को बढ़ाता है। इसके अलावा, आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और UPI जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपके लिए लेनदेन करना आसान हो जाता है। बैंक खाता रखने से आपको कर्ज, बीमा और निवेश जैसी अन्य वित्तीय सेवाएं भी आसानी से मिल जाती हैं।
घर में नकदी रखने पर कोई कानूनी सीमा नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके पास इस पैसे के वैध स्रोत का प्रमाण हो और आपने इस पर उचित कर का भुगतान किया हो। अघोषित नकदी रखने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसलिए, अपनी आय का पूरा हिसाब रखें, समय पर टैक्स रिटर्न भरें और जरूरत पड़ने पर अपनी वैध कमाई का प्रमाण दिखाने के लिए तैयार रहें। सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से, अधिकांश नकदी को बैंक खाते में रखना और डिजिटल लेनदेन का उपयोग करना बेहतर विकल्प है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय लेने से पहले, कृपया पेशेवर सलाहकार या आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से परामर्श करें। टैक्स कानून समय-समय पर बदलते रहते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप नवीनतम नियमों और विनियमों से अवगत हैं। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे।