DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के बीच इन दिनों सबसे गरम चर्चा का विषय जुलाई 2025 से लागू होने वाली महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी है। नवीनतम अपडेट के अनुसार, पहले 55 प्रतिशत की दर से मिल रहे महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया जा सकता है। यह समाचार केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि इससे उनकी मासिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। कर्मचारियों में इस संभावित बढ़ोतरी को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी
महंगाई भत्ते में यह वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को सीधे प्रभावित करेगी। अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है, तो 58 प्रतिशत के महंगाई भत्ते के साथ उसे हर महीने 10,440 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इस प्रकार कर्मचारियों का पूरा वेतन संरचना बदल जाएगी और महीने के अंत में उनके हाथ में अधिक राशि आएगी। यह वृद्धि बढ़ती महंगाई के मद्देनजर कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने में मददगार साबित होगी।
डीए बढ़ोतरी की घोषणा कब होगी
सातवें वेतन आयोग के तहत यह इस वर्ष की दूसरी महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी होगी, जो जुलाई से दिसंबर 2025 तक के लिए होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके बाद आठवें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है, इसलिए यह वर्तमान वेतन आयोग के तहत आखिरी महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अनुमान है कि यह घोषणा दिवाली तक की जा सकती है। वर्ष की पहली बढ़ोतरी जनवरी से जून के लिए मार्च माह में पहले ही घोषित की जा चुकी थी।
महंगाई भत्ता कैसे होता है तय
महंगाई भत्ते की गणना “ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स” (AICPI-IW) के आधार पर की जाती है। यह सूचकांक श्रम मंत्रालय के लेबर ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है और इसमें औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को दर्शाया जाता है। वर्तमान में जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि महंगाई में कुछ वृद्धि हुई है, जो महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के अनुकूल संकेत है।
महंगाई भत्ते का वर्तमान परिदृश्य
मार्च 2025 तक के AICPI के आंकड़ों के आधार पर, महंगाई भत्ता 57.06 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यदि अप्रैल, मई और जून में महंगाई की यही गति बनी रहती है या थोड़ी और बढ़ती है, तो यह आंकड़ा 57.86 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। सरकार आमतौर पर महंगाई भत्ते की गणना पूर्णांकित संख्या (राउंड फिगर) में करती है, इसलिए यह 58 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। अंतिम निर्णय अप्रैल, मई और जून के आंकड़े आने के बाद ही लिया जाएगा।
महंगाई भत्ते का महत्व
केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते में संशोधन करती है – पहला जनवरी से जून और दूसरा जुलाई से दिसंबर के लिए। महंगाई भत्ते का मुख्य उद्देश्य है कि बढ़ती महंगाई के कारण सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वास्तविक आय पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। यह वेतन और पेंशन का ही एक हिस्सा होता है, जिसे मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित किया जाता है। इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहती है और वे अपने परिवार के लिए समान जीवन स्तर बनाए रख पाते हैं।
आगे की संभावनाएं
यदि 58 प्रतिशत महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी की घोषणा होती है, तो यह सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बाद आठवें वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों की प्रतीक्षा होगी, जिससे वेतन संरचना में और अधिक सुधार की उम्मीद है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह आने वाले समय में वित्तीय स्थिरता की गारंटी देता है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।