Gold Rate Today: गुरुवार 15 मई 2025 को सोने की कीमतों में लगातार चौथे दिन भी गिरावट दर्ज की गई है। इस निरंतर गिरावट के साथ गोल्ड रेट एक महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। बाजार के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 10 ग्राम सोने का भाव लगभग 2,000 रुपये तक कम हुआ है। वर्तमान में 24 कैरेट शुद्ध सोने का दाम 94,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव 86,200 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। यह गिरावट ऐसे समय में हुई है जब लोग इस कीमती धातु में निवेश के लिए रणनीति बना रहे थे।
गिरावट के पीछे प्रमुख कारण
सोने की कीमतों में इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, लेकिन मुख्य वजह वैश्विक बाजार में शांति का माहौल बनना है। पिछले कुछ समय से अमेरिका और चीन के बीच जो व्यापारिक तनाव चल रहा था, उसमें अब कमी आई है। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध में भी नरमी देखने को मिल रही है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव घटने की खबरों ने भी निवेशकों का रुझान सोने से हटाकर अन्य निवेश विकल्पों की ओर मोड़ दिया है।
शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने भी सोने की मांग को कम कर दिया है। जब शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहा होता है, तब निवेशक सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने से दूर होकर शेयर बाजार की ओर आकर्षित होते हैं। साथ ही, कई बड़े निवेशक मुनाफावसूली के लिए अपना सोना बेच रहे हैं, जिससे कीमतों में और अधिक गिरावट आई है।
प्रमुख शहरों में सोने के दाम
देश के विभिन्न प्रमुख शहरों में सोने के रेट में थोड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। 15 मई 2025 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, जयपुर और लखनऊ में 22 कैरेट सोने का भाव 86,250 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 94,080 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। दूसरी ओर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरु और पटना में 22 कैरेट सोने का दाम 86,100 रुपये प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने का दाम 93,930 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। यह अंतर स्थानीय करों, मांग और आपूर्ति के कारण होता है।
चांदी की कीमत में भी आई गिरावट
सोने के साथ-साथ चांदी के दाम में भी गिरावट देखने को मिली है। गुरुवार 15 मई को चांदी का रेट 97,000 रुपये प्रति किलोग्राम रहा, जिसमें 900 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। चांदी की कीमतों में यह गिरावट भी सोने के समान ही अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति और निवेशकों के बदलते रुझान के कारण हुई है। चांदी का उपयोग केवल आभूषणों के लिए नहीं बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में भी होता है, इसलिए वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का इसकी कीमत पर सीधा असर पड़ता है।
सोने की कीमत निर्धारण के कारक
भारत में सोने के रेट तय करने में कई महत्वपूर्ण कारक भूमिका निभाते हैं। सबसे पहले, स्थानीय मांग का प्रभाव होता है, खासकर शादी-ब्याह और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतें ऊपर जाती हैं। दूसरा बड़ा कारक अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का रेट है, क्योंकि भारत अपने अधिकांश सोने की जरूरतों को आयात से पूरा करता है।
रुपये और डॉलर के बीच विनिमय दर का भी सोने की कीमतों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तब आयातित सोना महंगा हो जाता है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ती हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न करों और आयात शुल्क का भी सोने की अंतिम कीमत पर प्रभाव पड़ता है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान समय में सोने की कीमतों में गिरावट का रुझान कुछ समय और जारी रह सकता है। हालांकि, आने वाले त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से कीमतों में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है। जो लोग लंबी अवधि के निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। वहीं शादी-ब्याह या अन्य समारोहों की योजना बना रहे परिवारों के लिए भी यह सोना खरीदने का उपयुक्त समय हो सकता है, क्योंकि कीमतें पिछले कुछ महीनों की तुलना में काफी कम हैं।