Advertisement

महंगाई भत्ता और सैलरी संशोधन पर बड़ा अपडेट 8th Pay Commission

By Meera Sharma

Published On:

8th Pay Commission

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के गठन को हाल ही में सरकार द्वारा मंजूरी देने के बाद देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों में उत्साह की लहर है। इस नए वेतन आयोग से कर्मचारियों को वेतन और भत्तों में वृद्धि की उम्मीद है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण मांग महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन (Basic Pay) में शामिल करने की है। विभिन्न कर्मचारी संगठन और प्रमुख स्टेकहोल्डर्स इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अगर डीए बेसिक वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पार कर जाए, तो इसे मूल वेतन में विलय कर दिया जाना चाहिए। यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार ला सकता है।

महंगाई भत्ता

महंगाई भत्ता (DA) केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भत्ता है, जिसका उद्देश्य मुद्रास्फीति के कारण होने वाली कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को कम करना है। यह भत्ता कर्मचारियों को महंगाई के बढ़ते बोझ से थोड़ी राहत देता है और उनकी क्रय शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है। वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों का DA 53% है, जो अक्टूबर 2024 में 3% की बढ़ोतरी के बाद इस स्तर पर पहुंचा है। सामान्यतः DA हर छह महीने में, जनवरी और जुलाई में, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर संशोधित किया जाता है, और इसमें 2% से 4% के बीच की वृद्धि होती है।

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission 1 करोड़ कर्मचारियों को झटका, अभी करना होगा इतना इंतजार 8th Pay Commission

पांचवें वेतन आयोग का महत्वपूर्ण सुझाव

महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय करने की अवधारणा नई नहीं है। 1996 से 2006 के बीच कार्यरत पांचवें वेतन आयोग ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया था। आयोग ने अनुशंसा की थी कि जब भी DA मूल वेतन का 50% हो जाए, तो इसे बेसिक पे में मिला दिया जाना चाहिए। इस सिफारिश के आधार पर, सरकार ने 1 अप्रैल 2004 से DA के 50% हिस्से को बेसिक वेतन में विलय करने की अनुमति दी थी। पांचवें वेतन आयोग का मानना था कि इस प्रकार का विलय सरकारी कर्मचारियों की बार-बार वेतन संशोधन की मांग को हल करेगा और उनकी वित्तीय स्थिति में स्थिरता लाएगा।

छठे और सातवें वेतन आयोग का रुख

यह भी पढ़े:
Personal Loan Rule नहीं भर पा रहे हैं पर्सनल लोन तो कर लें ये काम, मिल जाएगी राहत Personal Loan Rule

जबकि पांचवें वेतन आयोग ने DA और बेसिक वेतन के विलय का समर्थन किया था, छठे वेतन आयोग ने इस प्रावधान को जारी रखने की सलाह नहीं दी। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव था, जिसने कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका दिया। हालांकि, जब 2016 में सातवें वेतन आयोग की घोषणा हुई, तब कर्मचारी संगठनों ने DA को बेसिक वेतन में विलय करने की मांग फिर से प्रमुखता से उठाई। शिव गोपाल मिश्रा, जो ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी हैं, के अनुसार सातवें वेतन आयोग ने भी भत्ते में 50% वृद्धि होने पर DA को मूल वेतन में विलय करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया।

वर्तमान स्थिति और कर्मचारी संगठनों की मांग

वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का DA 53% है, जो 50% के महत्वपूर्ण आंकड़े को पार कर चुका है। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि अगर सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू हो गई होती, तो पिछले साल ही जब DA 50% से ऊपर गया था, तब कर्मचारियों का वेतन संशोधित हो चुका होता। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 8वें वेतन आयोग से उम्मीद की जा रही है कि वह भी 50% से अधिक DA होने पर इसे बेसिक वेतन में विलय करने की सिफारिश करेगा, जिससे कर्मचारियों को वास्तविक लाभ मिलेगा।

यह भी पढ़े:
Income Tax घर में कैश रखने की क्या है लिमिट, जान लें नियम वरना पड़ जाएगा इनकम टैक्स का छापा Income Tax

कोविड-19 का प्रभाव और DA में रुकावट

महंगाई भत्ते की वृद्धि की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ कोविड-19 महामारी के दौरान आया। इस दौरान लगभग डेढ़ साल तक DA में कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका था। हालांकि, जुलाई 2021 में सरकार ने DA को 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया था, जो एक सकारात्मक कदम था। तब से लेकर अब तक DA में नियमित रूप से वृद्धि होती रही है और अब यह 53% तक पहुंच चुका है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, यह अनुमान है कि DA को फिर से शून्य मानकर साल में दो बार बढ़ाने का प्रावधान होगा, जो एक नई शुरुआत होगी।

न्यूनतम वेतन की समस्या और अकरोय्ड फॉर्मूला

यह भी पढ़े:
DA Hike July 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, महंगाई भत्ते में इतनी होगी बढ़ोतरी DA Hike July

महंगाई भत्ते के अलावा, न्यूनतम वेतन (Minimum Wage) भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर 8वें वेतन आयोग को विचार करना होगा। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (NFIR) का मानना है कि हाल के वर्षों में दो बार की DA वृद्धि न्यूनतम जीवन यापन वेतन (Minimum Living Wage) को पूरी तरह से नहीं बढ़ा पा रही है। वर्तमान में न्यूनतम वेतन का निर्धारण डॉ. अकरोय्ड के फॉर्मूले पर आधारित है, जो अमेरिकी न्यूट्रीशनिस्ट वॉलेस आर अकरोय्ड द्वारा विकसित किया गया था। यह फॉर्मूला खाद्य पदार्थों, वस्त्र, आवास और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को ध्यान में रखकर न्यूनतम वेतन का निर्धारण करता है।

वेतन में वृद्धि की मांग और नई सिफारिशें

NFIR के सेक्रेटरी जनरल एम राघवैया ने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूनतम वेतन को 32,500 रुपये करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि यह राशि डॉ. अकरोय्ड फॉर्मूले के अनुसार उचित है और वर्तमान महंगाई दर को देखते हुए आवश्यक है। हालांकि, 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद राघवैया ने अपनी मांग को संशोधित करते हुए कहा है कि वर्तमान महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन 32,500 रुपये के बजाय 36,000 रुपये तक बढ़ाने की सिफारिश की जानी चाहिए। यह मांग बताती है कि महंगाई की दर में कितनी तेजी से वृद्धि हो रही है।

यह भी पढ़े:
Tax Regime Confusion नई या पुरानी, कौनसी है फायदेमंद? जानें सभी अंतर और फायदे Tax Regime Confusion

फिटमेंट फैक्टर और इसका महत्व

वेतन आयोग की चर्चा में एक अन्य महत्वपूर्ण शब्द है “फिटमेंट फैक्टर”, जो पुराने वेतन को नए वेतन में परिवर्तित करने का गुणांक होता है। सातवें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर अपनाया था, जिसका अर्थ था कि पुराने वेतन को 2.57 से गुणा करके नया वेतन निकाला गया था। कर्मचारी संगठन 8वें वेतन आयोग से अपेक्षा कर रहे हैं कि वह 3.0 या उससे अधिक का फिटमेंट फैक्टर अपनाए, जो कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि का कारण बनेगा। यह फैक्टर इस बात पर निर्भर करेगा कि DA का कितना प्रतिशत मूल वेतन में विलय किया जाता है।

आयोग की सिफारिशों का भविष्य प्रभाव

यह भी पढ़े:
DA Hike Update केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सैलरी में होगा बड़ा इजाफा DA Hike Update

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें, विशेष रूप से DA के विलय और न्यूनतम वेतन में वृद्धि के संबंध में, केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन स्तर पर गहरा प्रभाव डालेंगी। अगर आयोग DA को मूल वेतन में विलय करने की सिफारिश करता है और सरकार इसे स्वीकार करती है, तो इससे कर्मचारियों की मूल सैलरी में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इसका प्रभाव न केवल मूल वेतन पर, बल्कि अन्य भत्तों जैसे मकान किराया भत्ता (HRA), परिवहन भत्ता और अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा, जो मूल वेतन के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। इसके अलावा, न्यूनतम वेतन में वृद्धि से निचले स्तर के कर्मचारियों को सबसे अधिक लाभ होगा।

कर्मचारी संगठनों की भूमिका और सरकार का रुख

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को आकार देने में कर्मचारी संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इन संगठनों ने पहले से ही DA के विलय और न्यूनतम वेतन में वृद्धि के लिए अपनी मांगें स्पष्ट कर दी हैं। वे इन मांगों को आयोग के सामने रखेंगे और अपने सदस्यों के हितों की रक्षा के लिए वार्ता करेंगे। दूसरी ओर, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वेतन आयोग की सिफारिशें आर्थिक रूप से व्यवहारिक हों और राजकोषीय स्थिरता को बनाए रखें। सरकार का अंतिम निर्णय आयोग की सिफारिशों, देश की आर्थिक स्थिति और कर्मचारियों की मांगों के बीच एक संतुलन होगा।

यह भी पढ़े:
Personal Loan Rule पर्सनल लोन लेने से पहले बैंक वालों से जरूर पूछ लें ये सवाल, बाद में नहीं होगी परेशानी Personal Loan Rule

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है और इसकी पूर्ण सटीकता की गारंटी नहीं दी जा सकती। 8वें वेतन आयोग के बारे में निर्णय और उसकी वास्तविक सिफारिशें भविष्य में बदल सकती हैं। विशेष रूप से, DA के विलय और न्यूनतम वेतन के बारे में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा, जो आयोग की सिफारिशों से भिन्न हो सकता है। किसी भी निर्णय लेने से पहले, आधिकारिक सरकारी अधिसूचनाओं और दस्तावेजों का संदर्भ लें। लेखक या प्रकाशक 8वें वेतन आयोग के बारे में किए गए किसी भी दावे या भविष्यवाणी के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

यह भी पढ़े:
Lincoln Wheat Penny Valued at $8.7 Million The Lincoln Wheat Penny Valued at $8.7 Million, Still in Circulation?

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group